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ओलंपिक के लिए सेन नदी की सफाई में जुटा है पेरिस

६ जून २०२३

पेरिस में ओलंपिक खेलों की तैयारियां जोरों पर हैं. सेन नदी में भी कई मुकाबलों का आयोजन होना है. इसके पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. साफ-सुथरी सेन पेरिस के लिए ओलंपिक की अहम विरासत होगी.

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पेरिस लंबे समय से सेन नदी के पानी की गुणवत्ता सुधारकर उसे तैरने लायक बनाने की कोशिश कर रहा है.
पेरिस लंबे समय से सेन नदी के पानी की गुणवत्ता सुधारकर उसे तैरने लायक बनाने की कोशिश कर रहा है.तस्वीर: Benoit Tessier/REUTERS

एक गुनगुनी वसंत की सुबह डेन एंजेलेस्को, एलेक्सांडर थ्री पुल के नजदीक पेरिस की सेन नदी के पानी की गुणवत्ता जांच रहे थे. अगले साल यहीं पर स्विमिंग मैराथन और ट्रायथलॉन ओलंपिक ट्रायल होने वाले हैं. पेरिस लंबे समय से सेन को तैरने लायक बनाने की कोशिश कर रहा है.

एंजेलेस्को 2017 से इस प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे हैं. 2024 में हो रहा खेल आयोजन इस योजना को रफ्तार देने का बढ़िया मौका है. साल 1900 में हुए पहले पेरिस ओलंपिक की ही तरह इस बार भी सेन में कुछ खेल मुकाबलों का आयोजन होना है. एंजेलेस्को बताते हैं, "यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है. कोई नहीं जानता कि ओलंपिक खेल कैसे होंगे. पानी की गुणवत्ता पर्याप्त हो सकेगी या नहीं." हालांकि एंजेलेस्को यह भी जोड़ते हैं कि लक्ष्य नामुमकिन नहीं है और पेरिस जरूरी प्रयास कर रहा है.

जिस दिन एंजेलेस्को ने सेन के पानी को जांचा, उसमें एंट्रोकॉकस और ई कोलाई की मौजूदगी इतनी कम थी कि नदी के पानी में सुरक्षित नहाया जा सकता था. एंट्रोकॉकस और ई कोलाई, ये दोनों पानी में मल पदार्थों की मौजूदगी का स्तर दिखाने वाले सूचक हैं. सेन में इन दोनों तत्वों का कम स्तर बरकरार रखना चुनौती है.

जब बारिश का पानी पेरिस के सीवेज सिस्टम में दाखिल होता है, तो यह ओवरफ्लो हो सकता है. तब अतिरिक्त पानी नदी में छोड़ा जाता है. इससे नदी के पानी में जहरीले बैक्टीरिया मिल जाते हैं.
जब बारिश का पानी पेरिस के सीवेज सिस्टम में दाखिल होता है, तो यह ओवरफ्लो हो सकता है. तब अतिरिक्त पानी नदी में छोड़ा जाता है. इससे नदी के पानी में जहरीले बैक्टीरिया मिल जाते हैं. तस्वीर: Alain Jocard/AP Images/picture alliance

बारिश के पानी का खास इंतजाम

मुख्य जोखिम तूफानों से है. जब बारिश का पानी पेरिस के सीवेज सिस्टम में दाखिल होता है, तो यह ओवरफ्लो हो सकता है. तब अतिरिक्त पानी नदी में छोड़ा जाता है. इससे नदी के पानी में जहरीले बैक्टीरिया मिल जाते हैं. अगले साल गर्मी के महीनों में ऐसा ना हो, इसके लिए पेरिस के दक्षिण में 50 हजार क्यूबिक मीटर क्षमता वाला विशाल भूमिगत बेसिन बनाया जा रहा है.

ओलंपिक आयोजन के उप मेयर पियर रबादान बताते हैं कि यह बेसिन बारिश के पानी को जमा करेगा, ताकि ओवरफ्लो ना हो. रबादान कहते हैं, "अगर कई दिनों तक मूसलाधार बारिश होती रही, तो पानी की गुणवत्ता से जुड़ी दिक्कत हो सकती है." हालांकि रबादान भरोसा जताते हैं कि बेसिन ऐसी स्थिति नहीं आने देगा.

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बुनियादी व्यवस्था में भी सुधार

योजना का दूसरा चरण है, नदी के बहाव की विपरीत दिशा में बने कुछ घरों में बदलाव करना. अभी ये घर पुरानी शैली में बेकार पानी को नदी में बहाते हैं. इसे बदलकर इन्हें सीवर सिस्टम से जोड़ा जाएगा. श्टेफान विडाली पेरिस के पूर्व में रहते हैं. श्टेफान खुश हैं कि अब उनके घर का बेकार पानी मार्ना नदी में नहीं जाता. यह सेन की एक सहायक नदी है, जो पेरिस के बाहर मुख्य नदी में मिल जाती है. श्टेफान कहते हैं, "एक नागरिक के तौर पर यह जानना अहम है कि आप जल संसाधनों को प्रदूषित करने में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. अब हमारे यहां का पानी ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है. यह बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था."

श्टेफान को उम्मीद है कि इसके फायदे बस ओलंपिक तक सीमित नहीं रहेंगे. कोलोंब बोसेल, सार्वजनिक जगहों और कचरा कम करने की जिम्मेदारी से जुड़े उप मेयर हैं. वह कहते हैं कि मुख्य मकसद है कि लोग 2025 तक सेन नदी में तैर सकें. यह ओलंपिक की विरासत होगी.

एसएम/एए (रॉयटर्स)